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मेरी माँ !!
तारों से रौशनी चुराऊं ,और चाँद से शीतलता लाऊं
उन्मुक्त बादलों से चंचलता लेकर ,तेरा अंचल सजाऊं |
फूलों से खुशबू और समंदर से मौजें लेकर ,
तेरा चरण पखारूँ |
ये तेरा ही दिया जीवन सफल तभी माँ ,
जब मै तुझको तेरा अर्पण कर पाऊं ||
तरणी कुमार
तरनी जी नमस्कार
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लगातार और अच्छे लेखन के लिए धन्यवाद
कोई और सहायता लगे तो बताएं
एक ताला यहाँ से भी ले सकते हैं
http://tips-hindi.blogspot.com/2008/08/blog-post_29.html
धन्यवाद
मयूर
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